Gulzar Shayari: Gulzar sahib does not need any introduction, he is known to the children of the country and sings and hums his songs and nazms and keeps Gulzar’s poetry in his heart. Gulzar Shayari in Hindi is very much liked among the people.
Gulzar sahib was born on 18 August 1934 in Dina village of Jhelum district of Punjab, India which is now part of Pakistan. Gulzar Sahab’s real name is Sampoorn Singh Kalra, they later became famous as Gulzar. Gulzar poetry in Hindi has a lot of craze among the people of every category.
Gulzar Shahab is a famous lyricist of films as well as a tremendous poet, film writer, film director, playwright, and a very famous poet. His works are quite famous in Hindi, Urdu, and Punjabi. Apart from these languages, Gulzar Saheb has also composed many works in Braj Bhasha, Khari Boli, Marwari, and Haryanvi.
Gulzar Shayari in Hindi
टूट जाना चाहता हूँ, बिखर जाना चाहता हूँ,
में फिर से निखर जाना चाहता हूँ,
मानता हूँ मुश्किल हैं,
लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ.
जब भी आंखों में अश्क भर आए
लोग कुछ डूबते नजर आए
चांद जितने भी गुम हुए शब के
सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए.
मन चाहा पाने क लिए,
चाहना भी मन से पड़ता है.
मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं.
तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन,
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन.
जिन दिनों आप रहते थे,
आंख में धूप रहती थी
अब तो जाले ही जाले हैं,
ये भी जाने ही वाले हैं.
कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें.
हम समझदार भी इतने हैं के
उनका झूठ पकड़ लेते हैं
और उनके दीवाने भी इतने के फिर भी
यकीन कर लेते है.
आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हमने ऐतबार किया,
तेरी राहो में बारहा रुक कर,
हम ने अपना ही इंतज़ार किया,
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब,
ये गुनाह हमने एक बार किया.
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी.
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं.
2 Line Gulzar Shayari
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया.
मोहब्बत बेमिसाल तब होती है,
जब चने वाला बेशुमार इज्जत करे.
आप के बाद हर घड़ी हम ने,
आप के साथ ही गुज़ारी है.
बेहिसाब हसरते ना पालिये,
जो मिला हैं उसे सम्भालिये.
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है,
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है.
बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती.
पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी.
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है.
किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,
इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं.
देर से गूँजतें हैं सन्नाटे,
जैसे हम को पुकारता है कोई.
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Heart Touching Gulzar Shayari
आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई.
वो शख़्स जो कभी
मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी
नही होने दिया.
तुम शोर करते हो,
सुर्खियों में आने के लिए,
हमारी तो खामोशियां अखबार बनी हुई है.
दौलत नहीं शोहरत नहीं,
न वाह चाहिए
“कैसे हो?” बस
दो लफ़्जों की परवाह चाहिए.
कुछ लोगों को छोड़ना,
इसलिए जरुरी हो जाता है,
अगर हम उन्हें न छोड़े तो
वो हमें कही का नहीं छोड़ते.
अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया.
तुम्हें क्या बताए,
हमारी निगाहों में क्या हो तुम,
खुदा से डरते है,
वरना कह देते खुदा हो तुम.
तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ,
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ.
वैसे तो कोई,
बुरी आदत नहीं हमें,
बस आपको याद करने की,
लत लग गई है.
हवा गुज़र गयी पत्ते थे कुछ हिले भी नहीं,
वो मेरे शहर में आये भी और मिले भी नहीं.
Life Gulzar Shayari
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा.
आऊं तो सुबह,
जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना,
बर्फ पड़े तो
बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना.
मनपसंद शख्स
हर मर्ज का इलाज होता है.
ज़िन्दगी और मौत से किया
वादा निभाना पड़ेगा
बस इतना ही था हमारा
सफ़र अब जाना पड़ेगा.
बेसक लड़ाई किया करो
नराज रहा करो
ज़िन्दगी है इसका भरोसा नहीं
साथ रहा करो.
उन्हें नहीं देखने चाहिए ख्वाब मोहब्बत के,
जिनके सर पर घर की जिम्मेदारियाँ हो.
कौन कहता है,
सँवरने से बढ़ती है खूबसूरती,
दिलों में चाहत हो तो,
चेहरे यूँ ही निखर आते है.
नाम होते हैं रिश्तों के
कुछ रिश्ते नाम के होते हैं.
जिन्हें वाकई बात करना आता है,
वो लोग अक्सर खामोश रहते है.
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते.
शायर बनना तो बहुत आसान हैं बस,
एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए.
तकलीफ खुद ही कम हो गई,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गई.
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे.
शोर की तो एक उम्र होती हैं,
ख़ामोशी सदाबहार होती हैं.
हलके में मत लेना साँवले रंग वालो को,
दूध से कही ज्यादा मैंने चाय के दीवाने देखे है.
Motivational Gulzar Shayari
वक़्त बहुत मज़बूत कर चूका है मुझे,
मेरी कमज़ोरी अब कोई नहीं.
खुद को इतना सवारना है की पाने वालो को
क़दर हो और खोने वालो को अफ़सोस.
गलतियाँ भी होंगी और
गलत भी समझा जाएगा
यह ज़िन्दगी है जनाब
यहाँ तारीफे भी होगी
और कोसा भी जाएगा.
कितना भी ज्ञानियों के साथ बैठ लो,
तजुर्बा बेवक़ूफ़ बनने के बाद ही मिलता है.
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Romantic Love Gulzar Shayari
इंतज़ार दो तरफ़ा हो
तो ही अच्छा लगता है.
कोई एक शख़्स तो यूँ मिले,
की वो मिले तो सुकून मिले.
जब भी यह दिल उदास उदास होता है,
जाने कौन आस पास होता है,
कोई वादा नही किया लेकिन,
क्यों तेरा इंतजार होता है.
तुम याद आओगे,
यकीन था,
इतना आओगे,
अंदाज़ा नहीं था.
उस पागल को कैसे समझाऊ,
कि बात ना करने से,
मोहब्बत कम नहीं होती,
बल्कि तड़प और बढ़ती है.
सोचो कितनी खूबसूरत होगी जिंदगी
जब दोस्त मोह्ब्बत और हमसफऱ
तीनो एक ही इंसान हो.
तेरे मुस्कुराने का असर,
सेहत पर होता है,
लोग पूछ लेते है,
दवा का नाम क्या है.
मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं.
चाहने वाले मिलते रहेंगे,
तुझे सारी उम्र,
बस तू कभी जिसे भूल न पाए,
वो चाहत यकीनन हमारी होगी.
कितने ही दिल तोड़ती है,
ये फरवरी,
यूँ ही नहीं बनाने वाले ने,
इसके दिन घटाए होंगे.
जरूरी तो नहीं,
हर पल तेरे पास रहूँ,
मोहब्बत और इबादत,
दूर से भी की जाती है.
जिंदगी में बहुत कुछ नया करना है,
पुराने दोस्तों के साथ.
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Sad Gulzar Shayari
ज़िन्दगी की राहों मे
ये होता है
दिल मे कोई और तो
हमसफ़र कोई और होता है.
इश्क़ का असर अब उतर गया है,
अब एक कहोगे तो चार सुन भी लोगे.
मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने
चल मैं बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर.
मोहब्बत किसी से करनी हो तो हद मैं
रहकर करना वरना किसी को बेपनाह
चाहोगे तो टूट कर बिखर जाओगे.
मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पर खत्म
ये वो जुर्म है जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं.
जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है
तुझ से बिछड़ कर
कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए
और मेरे दिन भी गुजर गए.
माफ़ी उतनी ख़ूबसूरती से मांगनी चाहिए,
जितनी बदसूरती से उसका दिल दुखाया हो.
मौत आ जाए पर जो नसीब में ना हो,
उस पर दिल कभी ना आए.
सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.
होठों ने सब बातें छुपा कर रखीं,
आँखों को ये हुनर कभी आया ही नहीं.
मोहब्बत है तुमसे,
इसलिए नजर अंदाज नहीं किया तुमको,
वरना बेरुखी तुमसे कहीं बेहतर,
हम भी जानते है.
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया.
किसने रास्ते मे चांद रखा था,
मुझको ठोकर लगी कैसे,
वक़्त पे पांव कब रखा हमने,
ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे,
आंख तो भर आयी थी पानी से,
तेरी तस्वीर जल गयी कैसे.
इतना क्यों सिखाए जा रहे हो जिंदगी,
हमें कौन सी सदियां गुजारनी है यहां.
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Zindagi Gulzar Shayari
इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है.
कोई पुछ रहा हैं
मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है
तेरा हल्के से मुस्कुराना.
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता.
लगता है आज जिंदगी कुछ खफा है,
चलिए छोड़िए कौनसा क्या पहली दफा है.
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है.
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है.
ज़िन्दगी सब्र के दरिया में,
बहा दी मैंने.
भरोसे पे ही ज़िंदा थे,
भरोसे ने ही मार डाला.
ज़ख्म कहा कहा से
मिले है मुझको
ज़िन्दगी तू तो बता
सफ़र और कितना बाकी है.
मिला तो बोहत कुछ है
इस ज़िन्दगी मे
हम बात उसकी करते है
जो हासिल नही हुआ.
यू तो ऐ जिंदगी
तेरे सफर से शिकायते बहोत थी
मगर दर्द जब दर्ज कराने पंहुचा
तो कतारे बहुत थी.
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